• शाकाहारी बने, स्वस्थ रहें । क्यों करोना जैसे वायरस की उत्पत्ति होती है ? Posted in: Swashthya

    VEGETARIAN
    जब हमारे शास्त्र बोलते थे कि आहार विहार का बहुत अधिक गहनता से ध्यान दो , अपने खान पान को शुद्ध और सात्विक रखो तो नए नए अज्ञानी रूपी ज्ञानियों ने बड़ा मज़ाक उड़ाया । 
    किताबें जला दी गयी । 
    बकवास और पुराना बोलकर उसका उपहास किया गया । 
     
    आज चीन और अन्य देशों में आहार विहार पर न ध्यान देने के कारण पूरा विश्व ऐसे संक्रमण के चपेट में है कि वह लाखों लोगों को चट कर के ही मानेगा । कभी बर्ड फ्लू, कभी mad cow , कभी कोरोना वायरस और अब तक की तमाम तरह की बीमारियाँ सिर्फ और सिर्फ माँस भक्षण या गलत आहार से आती रही हैं और आयेंगी । 
     
    चीन में आज 70 लाख से ऊपर लोगों को शीशे में कैद कर रख दिया गया है । उनको कोई छू नहीं सकता , उनसे कोई बोल तक नहीं सकता । 
    जिस तरह अपने भोजन के लिए इन्होंने जीवों को यातनायें दी , आज वही यातना इनको मनुष्य होकर झेलना पड़ रहा है।  
     
    आज विश्व में एक campaign चल गया है – Go Vegan 
    शाकाहारी बनो । 
     
    चीन में सरकार की तरफ से आदेश आ गया कि बहुतायत में मात्र सब्जियाँ उगायें और उन्हीं का सेवन करें । 
     
    हमें गर्व होना चाहिए अपने शास्त्रों और पूर्वजों की बातों पर जिन्होंने इतनी गूढ़ और सदा के लिए हितकारी बातें लिख दी हैं जो अकाट्य हैं । 
     
    लेकिन हमें मात्र उनको गरियाना आता है । 
    ये पुस्तकें जलाने और गरियाने के लिए नही बल्कि पढ़ने के लिए , पढ़कर समझने के लिए और समझ कर आत्मसात करने के लिए बनाई गई हैं । 
     
    अब बस एक slogan में अपनी बातों को विराम दूँगा :- 
     
    BE VEGETARIAN !!!!
     
     
    Raghukul aryawart promotes being vegetarian 
     
     

  • Aniseed Posted in: Swashthya

    Aniseed
    Thousand years ago, we used to have aniseeds after any meal.Due to this magical aniseeds lacks of lactobacillus used to enter the abdomen.This ‘pratha’ tradition was due to this that after every meal aniseeds were eaten, this was the scientific reason. Do not/ avoid sugar coated, fancy ones and roasted ones do not work here. Fact : the first culture for curds was made from aniseeds.

  • हृदय की बीमारी के आयुर्वेदिक इलाज! Posted in: Swashthya

    हमारे देश भारत मे 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे!उनका नाम था महाऋषि वागवट जी!!

    उन्होने एक पुस्तक लिखी थी!जिसका नाम है अष्टांग हृदयम!-(Astang Hridayam)

    इस पुस्तक मे उन्होने बीमारियो को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखे थे!
    यह उनमे से ही एक सूत्र है !!

    वागवट जी लिखते है!कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है!मतलब दिल की नलियों मे Blockage होना शुरू हो रहा है तो इसका मतलब है कि रक्त (Blood) मे Acidity (अम्लता) बढ़ी हुई है!

    अम्लता आप समझते है!जिसको अँग्रेजी में Acidity भी कहते हैं और यह अम्लता दो तरह की होती है !

    एक होती है पेट कि अम्लता !
    और
    एक होती है रक्त (Blood) की अम्लता !

    आपके पेट मे अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे पेट मे जलन सी हो रही है!खट्टी खट्टी डकार आ रही है!मुंह से पानी निकल रहा है!और अगर ये अम्लता (Acidity) और बढ़ जाये तो इसे Hyperacidity कहते हैं!

    फिर यही पेट की अम्लता बढ़ते – बढ़ते जब रक्त मे आती है!तो रक्त अम्लता-(Blood Acidity) होती है!और जब Blood मे Acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त दिल की नलियों में से निकल नहीं पाता और नलियों में Blockage कर देता है और तभी Heart Attack होता है!इसके बिना Heart Attack नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है!जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं!क्योंकि इसका इलाज सबसे सरल है !!
    एसीडिटी का इलाज क्या है!
    वागबट जी आगे लिखते है कि जब रक्त (Blood) में अम्लता (Acidity) बढ़ गई है!तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करें जो क्षारीय है!

    आप जानते है!दो तरह की चीजे होती है!

    अम्लीय (Acidic)
    और
    क्षारीय (Alkaline)

    अब अम्ल और क्षार (Acid and Alkaline) को मिला दें तो क्या होता है!

    हम सब जानते है!Neutral होता है!

    तो वागबट जी लिखते है!कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है! तो क्षारीय (Alkaline) चीजे खाओ!तो रक्त की अम्लता (Acidity) Neutral हो जाएगी और जब रक्त मे अम्लता Neutral हो गई तो Heart Attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं होगी!

    ये है सारी कहानी!

    अब आप पूछोगे जी ऐसे कौन सी चीजे है जो क्षारीय है! और हम खाये!

    आपके रसोई घर मे ऐसी बहुत सी चीजे है जो क्षारीय है! जिन्हें अगर आप खायें तो कभी Heart Attack न आयेगा और अगर आ गया तो दुबारा नहीं आएगा!

    आपके घर में जो सबसे ज्यादा क्षारीय चीज है वह है! लौकी जिसे हम दुधी भी कहते है!और English मे इसे Bottle Gourd भी कहते हैं जिसे आप सब्जी के रूप मे खाते है!

    इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है!इसलिये आप हर रोज़ लौकी का रस निकाल कर पियें या अगर खा सकते है!तो कच्ची लौकी खायें!

    वागवतट जी के अनुसार रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है!इसलिए आप लौकी के रस का सेवन करें!

    कितना मात्रा में सेवन करें!

    रोज 200 से 300 ग्राम लौकी का रस ग्राम पियें!

    कब पिये!

    सुबह खाली पेट (Toilet) शौच जाने के बाद पी सकते है!या फिर नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं!

    इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय भी बना सकते हैं!जिसके लिए इसमें 7 से 10 पत्ते के तुलसी के डाल लें क्योंकि तुलसी बहुत क्षारीय है!

    इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते भी मिला सकते है!क्योंकि पुदीना भी बहुत क्षारीय होता है!

    इसके साथ आप इसमें काला नमक या सेंधा नमक भी जरूर डाले!ये भी बहुत क्षारीय है!याद रखे नमक काला या सेंधा ही डालें दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डालें!

    ये आओडीन युक्त नमक अम्लीय है!

    तो मित्रों आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करे 2 से 3 महीने आपकी सारी Heart की Blockage ठीक कर देगा!-21 वे दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा और फिर आपको कोई आपरेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी!

    घर मे ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा और आपका अनमोल शरीर और लाखों रुपए आपरेशन के बच जाएँगे और जो पैसे बच जायें उसे अगर इच्छा हो किसी गौशाला मे दान कर दें क्योंकि डाक्टर को देने से अच्छा है किसी गौशाला दान दे!

  • पहला सुख निरोगी काया Posted in: Swashthya

    पहला सुख निरोगी काया – अपने डॉक्टर खुद बने(वैद्यकीय डॉक्टर से सलाह भी ले)
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    1 = केवल सेंधा नमक प्रयोग करे!थायराईड बी पी और पेट ठीक होगा!
    2 = केवल स्टील का कुकर ही प्रयोग करें!अल्युमिनियम में मिले हुए लेड से होने वाले नुकसानों से बचेंगे!
    3 = कोई भी रिफाइंड तेल ना खाकर केवल तिल! मूंगफली सरसों और नारियल का प्रयोग करें!रिफाइंड में बहुत केमिकल होते है!जो शरीर में कई तरह की बीमारियाँ पैदा करते है!
    4 = सोयाबीन बड़ी को 2 घण्टे भिगो कर मसल कर ज़हरीली झाग निकल कर ही प्रयोग करे!
    5 = रसोई में एग्जास्ट फैन जरूरी है!प्रदूषित हवा बाहर करे!
    6 = काम करते समय स्वयं को अच्छा लगने वाला संगीत चलाएं। खाने में भी अच्छा प्रभाव आएगा और थकान कम होगी!
    7 = देसी गाय के घी का प्रयोग बढ़ाएं। अनेक रोग दूर होंगे, वजन नहीं बढ़ता!
    8 = ज्यादा से ज्यादा मीठा नीम/कढ़ी पत्ता खाने की चीजों में डालें सभी का स्वास्थ्य ठीक करेगा!
    9 = ज्यादा से ज्यादा चीजें लोहे की कढ़ाई में ही बनाएं! आयरन की कमी किसी को नहीं होगी!
    10 = भोजन का समय निश्चित करे!पेट ठीक रहेगा! भोजन के बीच बात न करें!भोजन ज्यादा पोषण देगा!
    11 = नाश्ते में अंकुरित अन्न शामिल करें!पोषक विटामिन और फाइबर मिलेंगे!
    12 = सुबह के खाने के साथ देशी गाय के दूध का बना ताजा दही लें पेट ठीक रहेगा!
    13 = चीनी कम से कम प्रयोग करें!ज्यादा उम्र में हड्डियां ठीक रहेंगी!
    14 = चीनी की जगह बिना मसले का गुड़ या देशी शक्कर ले!
    15 = छौंक में राई के साथ कलौंजी का भी प्रयोग करे! फायदे इतने कि लिख ही नहीं सकते!
    16 = चाय के समय आयुर्वेदिक पेय की आदत बनाएं व निरोग रहेंगे!
    17 = एक डस्टबिन रसोई में और एक बाहर रखें!सोने से पहले रसोई का कचरा बाहर के डस्ट बिन में डालें!
    18 = रसोई में घुसते ही नाक में घी या सरसों का तेल लगाएं सर और फेफड़े स्वस्थ रहेंगें!
    19 = करेले मैथी और मूली यानि कड़वी सब्जियां भी खाएँ, रक्त शुद्ध रहेगा!
    20 = पानी मटके वाले से ज्यादा ठंडा न पिएं, पाचन व दांत ठीक रहेंगे!
    21 = प्लास्टिक और अल्युमिनियम रसोई से हटाएं दोनों केन्सर कारक है!
    22‌ = माइक्रोवेव ओवन का प्रयोग कैंसर कारक है!
    23 = खाने की ठंडी चीजें कम से कम खाएँ पेट और दांत को खराब करती हैं!
    24 = बाहर का खाना बहुत हानिकारक है!खाने से सम्बंधित ग्रुप से जुड़कर सब घर पर ही बनाएं!
    25 = तली चीजें छोड़ें वजन पेट एसिडिटी ठीक रहेंगी!
    26 = मैदा बेसन छौले राजमां और उड़द कम खाएँ गैस की समस्या से बचेंगे!
    27 = अदरक अजवायन का प्रयोग बढ़ाएं गैस और शरीर के दर्द कम होंगे!
    28 = बिना कलौंजी वाला अचार हानिकारक होता है!
    29 = पानी का फिल्टर R O वाला हानिकारक है!-U V वाला ही प्रयोग करे!सस्ता भी और बढ़िया भी!
    30 = रसोई में ही बहुत से कॉस्मेटिक्स हैं!इस प्रकार के ग्रुप से जानकारी लें!
    31 = रात को आधा चम्मच त्रिफला एक कप पानी में डाल कर रखें!सुबह कपड़े से छान कर इस जल से आंखें धोएं, चश्मा उतर जाएगा। छानने के बाद जो पाउडर बचे उसे फिर एक गिलास पानी में डाल कर रख दें!रात को पी जाएं!पेट साफ होगा कोई रोग एक साल में नहीं रहेगा
    32 = सुबह रसोई में चप्पल न पहनें शुद्धता भी एक्यू प्रेशर भी!
    33 = रात का भिगोया आधा चम्मच कच्चा जीरा सुबह खाली पेट चबा कर वही पानी पिएं एसिडिटी खतम!
    34 = एक्यूप्रेशर वाले पिरामिड प्लेटफार्म पर खड़े होकर खाना बनाने की आदत बना लें तो भी सब बीमारियां शरीर से निकल जायेंगी!
    35 = चौथाई चम्मच दालचीनी का कुल उपयोग दिन भर में किसी भी रूप में करने पर निरोगता अवश्य होगी!
    36 = रसोई के मसालों से बनी चाय मसाला स्वास्थ्यवर्धक है!
    37 = सर्दियों में नाखून के बराबर जावित्री कभी चूसने से सर्दी के असर से बचाव होगा!
    38 = सर्दी में बाहर जाते समय 2 चुटकी अजवायन मुहं में रखकर निकलिए सर्दी से नुकसान नहीं होगा!
    39 = रस निकले नीबू के चौथाई टुकड़े में जरा सी हल्दी! नमक फिटकरी रख कर दांत मलने से दांतों का कोई भी रोग नहीं रहेगा!
    40 = कभी – कभी नमक – हल्दी में 2 बून्द सरसों का तेल डाल कर दांतों को उंगली से साफ करें दांतों का कोई रोग टिक नहीं सकता!
    41 = बुखार में 1 लीटर पानी उबाल कर 250 ml कर लें, साधारण ताप पर आ जाने पर रोगी को थोड़ा थोड़ा दें, दवा का काम करेगा!
    42 = सुबह के खाने के साथ घर का जमाया देशी गाय का ताजा दही जरूर शामिल करें! प्रोबायोटिक का काम करेगा!